इसके बाद इस आशीर्वाद के कारण एसाव याकूब से घृणा करता रहा। एसाव ने मन ही मन सोचा, “मेरा पिता जल्दी ही मरेगा और मैं उसका शोक मनाऊँगा। लेकिन उसके बाद मैं याकूब को मार डालूँगा।”
तुझसे प्रार्थना करता हूँ कि कृपा करके मुझे मेरे भाई एसाव से बचा। मैं उससे डरा हुआ हूँ। इसलिए कि वह आएगा और हम सभी को, यहाँ तक कि बच्चों सहित माताओं को भी जान से मार डालेगा।
यूसुफ के भाइयों ने देखा कि उनका पिता उनकी अपेक्षा यूसुफ को अधिक प्यार करता है। वे इसी कारण अपने भाई से घृणा करते थे। वे यूसुफ से अच्छी तरह बात नहीं करते थे।
उसके भाईयों ने कहा, “क्या, तुम सोचते हो कि इसका अर्थ है कि तुम राजा बनोगे और हम लोगों पर शासन करोगे?” उसके भाईयों ने यूसुफ से अब और अधिक घृणा करनी आरम्भ की क्योंकि उसने उनके बारे में सपना देखा था।
याकूब के मरने के बाद यूसुफ के भाई चितिंत हुए। वे डर रहे थे कि उन्होंने जो कुछ पहले किया था उसके लिए यूसुफ अब भी उनसे क्रोध में पागल होगा। उन्होंने कहा, “क्या जो कुछ हम ने किया उसके लिए यूसुफ अब भी हम से घृणा करता है?”
यूसुफ ने अपने सेवकों को आदेश दिया कि वे उसके पिता के शरीर को तैयार करें (ये सेवक वैद्य थे।) वैद्यों ने याकूब के शरीर को दफनाने के लिए तैयार किया। उन्होंने मिस्री लोगों के विशेष तरीके से शरीर को तैयार किया।
अत: सेवकों ने योशिय्याह को रथ से बाहर निकाला, औऱ उसे दूसरे रथ में बैठाया जिसे वह अपने साथ युद्ध में लाया था। तब वे योशिय्याह को यरूशलेम ले गए। राजा योशिय्याह यरूशलेम में मरा। योशिय्याह को वहाँ दफनाया गया जहाँ उसके पूर्वज दफनाये गए थे। यहूदा और यरूशलेम के सभी लोग योशिय्याह के मरने पर बहुत दु:खी थे।
उन लोगों के लिए मैंने शोक वस्त्र धारण किये। मैंने उन लोगों के साथ मित्र वरन भाई जैसा व्यवहार किया। मैं उस रोते मनुष्य सा दु:खी हुआ, जिसकी माता मर गई हो। ऐसे लोगों से शोक प्रकट करने के लिए मैंने काले वस्त्र पहन लिए। मैं दु:ख में डूबा और सिर झुका कर चला।
“‘क्यों क्योंकि तुम सदा मेरे लोगों के विरुद्ध रहे। तुमने इस्राएल के विरुद्ध अपनी तलवारों का उपयोग उनकी विपत्ति के समय में किया, उनके अन्तिम दण्ड के समय में।’”
यह मैं इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि एक समय था, जब हम भी मूर्ख थे। आज्ञा का उल्लंघन करते थे। भ्रम में पड़े थे। तथा वासनाओं एवं हर प्रकार के सुख-भोग के दास बने थे। हम दुष्टता और ईर्ष्या में अपना जीवन जीते थे। हम से लोग घृणा करते थे तथा हम भी परस्पर एक दूसरे को घृणा करते थे।