परमेश्वर ने उन्हें आशीष दी। परमेश्वर ने उनसे कहा, “तुम्हारी बहुत सी संताने हों। पृथ्वी को भर दो और उस पर राज करो। समुद्र की मछलियों और आकाश के पक्षियों पर राज करो। हर एक पृथ्वी के जीवजन्तु पर राज करो।”
मैं तुम्हें निश्चय ही आशीर्वाद दूँगा। मैं तुम्हें उतने वंशज दूँगा जितने आकाश में तारे हैं। ये इतने अधिक लोग होंगे जितने समुद्र के तट पर बालू के कण और तुम्हारे लोग अपने सभी शत्रुओं को हराएंगे।
मैं प्रार्थना करता हूँ कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुम्हें आशीर्वाद दे और तुम्हें बहुत से पुत्र दे। मैं प्रार्थना करता हूँ कि तुम एक महान राष्ट्र के पिता बनो।
इस प्रकार इस्राएल ने उस दिन उन्हें आशीर्वाद दिया। उसने कहा, “इस्राएल के लोग तुम्हारे नाम का प्रयोग आशीर्वाद देने के लिए करेंगे, तुम्हारे कारण कृपा प्राप्त करेंगे। लोग प्रार्थना करेंगे, ‘परमेश्वर तुम्हें एप्रैम और मनश्शे के समान बनाये।’” इस प्रकार इस्राएल ने एप्रैम को मनश्शे से बड़ा बनाया।
विवाह करो तथा पुत्र—पुत्रियाँ पैदा करो। अपने पुत्रों के लिए पत्नियाँ खोजो और अपनी पुत्रियों की शादी करो। यह इसलिये करो जिससे उनके भी लड़के और लड़कियाँ हो बहुत से बच्चे पैदा करो और बाबुल में अपनी संख्या बढ़ाओ। अपनी संख्या मत घटाओ।
सनातन राजा के सामने एक आग की नदी बह रही थी। लाखों करोड़ों लोग उसकी सेवा में थे। उसके सामने करोड़ों दास खड़े थे। यह दृश्य कुछ वैसा ही था जैसे दरबार शुरू होने को पुस्तकें खोली गयी हों।
तुम इन विदेशी दासों को अपने बच्चों को भी दे सकते हो जो तुम्हारे मरने के बाद तुम्हारे बच्चों के होंगे। वे सदा के लिए तुम्हारे दास रहेंगे। तुम इन विदेशियों को दास बना सकते हो। किन्तु तुम्हें अपने भाईयों, इस्राएल के लोगों पर क्रूरता से शासन नहीं करना चाहिए।