परमेश्वर ने बच्चे का रोना सुना। स्वर्ग से एक दूत हाजिरा के पास आया। उसने पूछा, “हाजिरा, तुम्हें क्या कठिनाई है। परमेश्वर ने वहाँ बच्चे का रोना सुन लिया।
इन बातों के हो जाने के बाद यहोवा का आदेश अब्राम को एक दर्शन में आया। परमेश्वर ने कहा, “अब्राम, डरो नहीं। मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा और मैं तुम्हें एक बड़ा पुरस्कार दूँगा।”
दूत ने और भी कहा, “अभी तुम गर्भवती हो और तुम्हे एक पुत्र होगा। तुम उसका नाम इश्माएल रखना। क्योंकि यहोवा ने तुम्हारे कष्ट को सुना है और वह तुम्हारी मदद करेगा।
यहोवा, स्वर्ग का परमेश्वर मुझे मेरी जन्मभूमि से यहाँ लाया। वह देश मेरे पिता और मेरे परिवार का घर था। किन्तु यहोवा ने यह वचन दिया कि वह नया प्रदेश मेरे परिवार वालों का होगा। यहोवा अपना एक दूत तुम्हारे सामने भेजे जिससे तुम मेरे पुत्र के लिए दुल्हन चुन सको।
यहोवा उस रात इसहाक से बोला, “मैं तुम्हारे पिता इब्राहीम का परमेश्वर हूँ। डरो मत। मैं तुम्हारे साथ हूँ और मैं तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। मैं तुम्हारे परिवार को महान बनाऊँगा। मैं अपने सेवक इब्राहीम के कारण यह करूँगा।”
किन्तु यहोवा इस्राएलियों पर दयालु था। यहोवा को दया आई और वह इस्रालियों की ओर हुआ। क्यों क्योंकि इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ अपनी वाचा के कारण, यहोवा इस्राएलियों को अभी नष्ट करने के लिये तैयार नहीं था। उसने अभी तक उन्हें अपने से दूर नहीं फेंका था।
तब यहोआहाज ने यहोवा से सहायता के लिये प्रार्थना की और यहोवा ने उसकी प्रार्थना सुनी। यहोवा ने इस्राएल के लोगों के कष्टों और अराम के राजा के उत्पीड़न को देखा था।
हे यहोवा, तू निश्चय ही उन बातों को देखता है, जो क्रूर और बुरी हैं। जिनको दुर्जन किया करते हैं। इन बातों को देख और कुछ तो कर! दु:खों से घिरे लोग सहायता माँगने तेरे पास आते हैं। हे यहोवा, केवल तू ही अनाथ बच्चों का सहायक है, अत: उन की रक्षा कर!
मैं तेरे उन कामों का बखान करता हूँ, जो तूने किये हैं। हमारी प्रार्थनायें तू सुनता रहता हैं। तू हर किसी व्यक्ति की प्रार्थनायें सुनता है, जो तेरी शरण में आता है।
किन्तु मूसा ने उत्तर दिया, “डरो नही! भागो नहीं! रूक जाओ! ज़रा ठहरो और देखो कि आज तुम लोगों को यहोवा कैसे बचाता है। आज के बाद तुम लोग इन मिस्रियों को कभी नहीं देखोगे!
यदि वह व्यक्ति अपना लबादा नहीं पाता तो उसके पास शरीर ढकने को कुछ भी नहीं रहेगा। जब वह सोएगा तो उसे सर्दी लगेगी। यदि वह मुझे रोकर पुकारेगा तो मैं उसकी सुनूँगा। मैं उसकी बात सुनूँगा क्योंकि मैं कृपालु हूँ।
तब यहोवा ने कहा, “मैंने उन कष्टों को देखा है जिन्हें मिस्र में हमारे लोगों ने सहा है और मैंने उनका रोना भी सुना है जब मिस्री लोग उन्हें चोट पहुँचाते हैं। मैं उनकी पीड़ा के बारे में जानता हूँ।
तब यीशु ने अपने शिष्यों को पास बुलाया और कहा, “मुझे इस भीड़ पर तरस आ रहा है क्योंकि ये लोग तीन दिन से लगातार मेरे साथ हैं और इनके पास कुछ खाने को भी नहीं है। मैं इन्हें भूखा ही नहीं भेजना चाहता क्योंकि हो सकता है कि कहीं वे रास्ते में ही मूर्छित होकर न गिर पड़ें।”
तब हम लोगों ने यहोवा अपने पूर्वजों के परमेश्वर से प्रार्थना की और उसके बारे में शिकायत की। यहोवा ने हमारी सुनी उसने हम लोगों की परेशानियाँ, हमारे कठोर कार्य और कष्ट देखे।
शाऊल अपने बैलों के साथ खेतों में गया हुआ था। शाऊल खेत से लौटा और उसने लोगों का रोना सुना। शाऊल ने पूछा, “लोगों को क्या कष्ट है? वे रो क्यों रहे हैं?” तब लोगों ने याबेश के दूतों ने जो कहा था शाऊल को बातया।