अब्राम उस समय छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को जन्म दिया।
अब्राम ने यहोवा की आज्ञा मानी। उसने हारान को छोड़ दिया और लूत उसके साथ गया। इस समय अब्राम पच्हत्तर वर्ष का था।
हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया। अब्राम ने पुत्र का नाम इश्माएल रखा।
कनान में अब्राम के दस वर्ष रहने के बाद यह बात हुई और सारै ने अपने पति अब्रहमको हजिरा को दे दिया (हाजिरा मिस्री दासी थी।)।
जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, यहोवा ने उससे बात की। यहोवा ने कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ। मेरे लिए ये काम करो। मेरी आज्ञा मानो और सही रास्ते पर चलो।
और उसका पुत्र इश्माएल खतना होने के समय तेरह वर्ष का था।
इब्राहीम सौ वर्ष का था जब उसका पुत्र इसहाक उत्पन्न हुआ
इश्माएल एक सौ सैंतीस वर्ष जीवित रहा।