मैं उस राष्ट्र का न्याय करूँगा तथा उसे सजा दूँगा, जिसने उन्हें गुलाम बनाया और जब तुम्हारे बाद आने बाले लोग उस देश को छेड़ेंगे तो अपने साथ अनेक अच्छी वस्तुएं ले जायेंगे।”
तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “देखो मेरी मृत्यु का समय निकट आ गया है। किन्तु परमेश्वर तुम्हारे साथ अब भी रहेगा। वह तुम्हें तुम्हारे पूर्वजों के देश तक लौटा ले जायेगा।
जब यूसुफ मरने को हुआ, उसने अपने भाईयों से कहा, “मेरे मरने का समय आ गया। किन्तु मैं जानता हूँ कि परमेश्वर तुम लोगों की रक्षा करेगा। वह इस देश से तुम लोगों को बाहर ले जाएगा। परमेश्वर तुम लोगों को उस देश में ले जाएगा जिसे उसने इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था।”
है परमेश्वर, मैंने वही काम किये जिनको तूने बुरा कहा। तू वही है, जिसके विरूद्ध मैंने पाप किये। मैं स्वीकार करता हूँ इन बातों को, ताकि लोग जान जाये कि मैं पापी हूँ और तू न्यायपूर्ण है, तथा तेरे निर्णय निष्पक्ष होते हैं।
आधी रात को यहोवा ने मिस्र के सभी पहलौठे पुत्रों, फ़िरौन के पहलौठे पुत्र (जो मिस्र का शासक था) से लेकर बन्दीगृह में बैठे कैदी के पुत्र तक सभी को मार डाला। पहलौठे जानवर भी मर गए।
हम जानते हैं कि वह परमेश्वर यहोवा था जो हमारे लोगों को मिस्र से लाया। हम लोग उस देश में दास थे। किन्तु यहोवा ने हम लोगों के लिये वहाँ बड़े—बड़े काम किये। वह उस देश से हम लोगों को बाहर लाया और उस समय तक हमारी रक्षा करता रहा जब तक हम लोगों ने अन्य देशों से होकर यात्रा की।
“याकूब मिस्र गया। बाद में, मिस्रियों ने उसके वंशजों का जीवन कष्टमय बना दिया। इसलिए वे सहायता के लिये यहोवा के सामने रोये। यहोवा ने मूसा और हारून को भेजा। मूसा और हारून तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र से बाहर निकाल ले आए और इस स्थान में रहने के लिये उनका मार्ग दर्शन किया।