उसके बाद शेम पाँच सौ वर्ष जीवित रहा। उसके अन्य पुत्र और पुत्रियाँ थीं।
परमेश्वर ने उन्हें आशीष दी। परमेश्वर ने उनसे कहा, “तुम्हारी बहुत सी संताने हों। पृथ्वी को भर दो और उस पर राज करो। समुद्र की मछलियों और आकाश के पक्षियों पर राज करो। हर एक पृथ्वी के जीवजन्तु पर राज करो।”
यह शेम के परिवार की कथा है। बाढ़ के दो वर्ष बाद जब शेम सौ वर्ष का था उसके पुत्र अर्पक्षद का जन्म हुआ।
जब अर्पक्षद पैंतीस वर्ष का था उसके पुत्र शेलह का जन्म हुआ।
“नूह तुम्हें और तुम्हारे पुत्रों के अनेक बच्चे हों और धरती को लोगों से भर दो।”
यह मेरी कामना है: पुत्र जवान हो कर विशाल पेड़ों जैसे मजबूत हों। और मेरी यह कामनाहै हमारी पुत्रियाँ महल की सुन्दर सजावटों सी हों।