ऐसे लोग ऊँचे स्थानों पर सुरक्षा पूर्वक निवास करेंगे। ऊँची चट्टान की गढ़ियों में वे सुरक्षित रहेंगे। ऐसे लोगों के पास सदा ही खाने को भोजन और पीने को जल रहेगा।
“वह (इस्राएल) यह नहीं जानती थी कि मैं (यहोवा) ही उसे अन्न, दाखमधु और तेल दिया करता था। मैं उसे अधिक से अधिक चाँदी और सोना देता रहता था। किन्तु इस्राएल के लोगों ने उस चाँदी और सोने का प्रयोग बाल की मूर्तियाँ बनाने में किया।
किन्तु तुम्हें उसने स्वयं अपनी साक्षी दिये बिना नहीं छोड़ा। क्योंकि उसने तुम्हारे साथ भलाइयाँ की। उसने तुम्हें आकाश से वर्षा दी और ऋतु के अनुसार फसलें दी। वही तुम्हें भोजन देता है और तुम्हारे मन को आनन्द से भर देता है।”
क्योंकि उसी में हम रहते हैं उसी में हमारी गति है और उसी में है हमारा अस्तित्व। इसी प्रकार स्वयं तुम्हारे ही कुछ लेखकों ने भी कहा है, ‘क्योंकि हम उसके ही बच्चे हैं।’
वे विवाह का निषेध करेंगे। कुछ वस्तुएँ खाने को मना करेंगे जिन्हें परमेश्वर के विश्वासियों तथा जो सत्य को पहचानते हैं, उनके लिए धन्यवाद देकर ग्रहण कर लेने को बनाया गया है।
वर्तमान युग की वस्तुओं के कारण जो धनवान बने हुए हैं, उन्हें आज्ञा दे कि वे अभिमान न करें। अथवा उस धन से जो शीघ्र चला जाएगा कोई आशा न रखें। परमेश्वर पर ही अपनी आशा टिकाए जो हमें हमारे आनन्द के लिए सब कुछ भरपूर देता है।