उन्होंने मन्दिर के पिछले गहरे भाग में एक कमरा तीस फुट लम्बा बनाया। उन्होंने इस कमरे की दीवारों को देवदारु के तख्तों से मढ़ा। देवदारू के तख्ते फर्श से छत तक थे। यह कमरा सर्वाधिक पवित्र स्थान कहा जाता था।
तब याजकों ने यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को उसके उचित स्थान पर रखा। यह मन्दिर के भीतर सर्वाधिक पवित्र स्थान में था। साक्षीपत्र का सन्दूक करूब (स्वर्गदूतों) के पंखों के नीचे रखा गया।
तब मूसा सन्दूक को पवित्र तम्बू के भीतर लाया। और उसने पर्दे को ठीक स्थान पर लटकाया। उसने पवित्र तम्बू में साक्षीपत्र के सन्दूक को ढक दिया। मूसा ने ये चीज़ें यहोवा के आदेश के अनुसार कीं।
तब उस व्यक्ति ने कमरे की लम्बाई नापी। यह बीस हाथ लम्बा और बीस हाथ चौड़ा था। बीच के कमरे के प्रवेश के पहले था। उस व्यक्ति ने कहा, “यह परम पवित्र स्थान है।”
“जब इस्राएल के लोग नए स्थान की यात्रा करें तो हारून और उसके पुत्रों को चाहिए कि वे पवित्र तम्बू में जाएँ और पर्दे को उतारें और साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक को उससे ढकें।
किन्तु भीतरी कक्ष में केवल प्रमुख याजक ही प्रवेश करता था और वह भी साल में एक बार। वह बिना उस लहू के कभी प्रवेश नहीं करता था जिसे वह स्वयं अपने द्वारा और लोगों के द्वारा अनजाने में किए गए पापों के लिए भेंट चढ़ाता था।