और इब्राहीम ने उसे उस सब कुछ में से जो उसने युद्ध में जीता था उसका दसवाँ भाग प्रदान किया। उसके नाम का पहला अर्थ है, “धार्मिकता का राजा” और फिर उसका यह अर्थ भी है, “सालेम का राजा” अर्थात् “शांति का राजा।”
इस्राएल के परमेश्वर ने बातें कीं। इस्राएल की आश्रय, चट्टान ने मुझसे कहा, ‘वह व्यक्ति जो लोगों पर न्यायपूर्ण शासन करता है, वह व्यक्ति जो परमेश्वर को सम्मान देकर शासन करता है।
किन्तु तुम्हारा एक पुत्र है जो शान्ति प्रिय है। मैं तुम्हारे पुत्र को शान्ति प्रदान करूँगा। उसके चारों ओर के शत्रु उसे परेशान नहीं करेंगे। उसका नाम सुलैमान है और मैं इस्राएल को उस समय सुख शान्ति दूँगा जिस समय सुलैमान राजा रहेगा।
वहाँ शान्ति होगी, यदि अश्शूर की सेना हमारे देश में आयेगी और वह सेना हमारे विशाल भवन तोड़ेगी, तो इस्राएल का शासक सात गड़ेरिये चुनेगा। नहीं, हम आठ मुखियाओं को पायेंगे।
“इस्राएल के लोग उनके पास जो कुछ होगा उसका दसवाँ भाग देंगे। इस प्रकार मैं लेवीवंश के लोगों को दसवाँ भाग देता हूँ। यह उनके उस कार्य के लिए भुगतान है जो वे मिलापवाले तम्बू में सेवा करते हुए करते हैं।
यह मिलिकिसिदक सालेम का राजा था और सर्वोच्च परमेश्वर का याजक था। जब इब्राहीम राजाओं को पराजित करके लौट रहा था तो वह इब्राहीम से मिला और उसे आशीर्वाद दिया।
उसके पिता अथवा उसकी माँ अथवा उसके पूर्वजों का कोई इतिहास नहीं मिलता है। उसके जन्म अथवा मृत्यु का भी कहीं कोई उल्लेख नहीं है। परमेश्वर के पुत्र के समान ही वह सदा-सदा के लिए याजक बना रहता है।