क्योंकि यदि स्वर्गदूतों द्वारा दिया गया संदेश प्रभावशाली था तथा उसके प्रत्येक उल्लंघन और अवज्ञा के लिए उचित दण्ड दिया गया तो यदि हम ऐसे महान् उद्धार की उपेक्षा कर देते हैं,
लोगों ने माँस खाना आरम्भ किया किन्तु यहोवा बहुत क्रोधित हुआ। जब माँस उनके मुँह में था और लोग जब तक इसको खाना खत्म करें इसके पहले ही, यहोवा ने एक बीमारी लोगों में फैला दी।
किन्तु इसके पहले कि हारून उनके पापों के लिए भुगतान करे, चौदह हजार सात सौ लोग उस बीमारी से मर गए। तब यहोवा ने इसे रोका। वहाँ ऐसे लोग भी थे जो कोरह के कारण मरे।
फिर भला व्यवस्था के विधान का प्रयोजन क्या रहा? आज्ञा उल्लंघन के अपराध के कारण व्यवस्था के विधान को वचन से जोड़ दिया गया था ताकि जिस के लिए वचन दिया गया था, उस वंशज के आने तक वह रहे। व्यवस्था का विधान एक मध्यस्थ के रूप में मूसा की सहायता से स्वर्गदूत द्वारा दिया गया था।
“तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर की सेवा करने वाले उस समय के याजक और न्यायाधीश की आज्ञा का पालन करने से इन्कार करने वाले किसी व्यक्ति को भी दण्ड देना चाहिए। उस व्यक्ति को मरना चाहिए। तुम्हें इस्राएल से इस बुरे व्यक्ति को हटाना चाहिए।
“तुम उन नगरों में कोई बुरी बात होने की सूचना पा सकते हो जिन्हें यहोवा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। तुम यह सुन सकते हो कि तुम में से किसी स्त्री या पुरुष ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है। तुम यह सुन सकते हो कि उन्होंने यहोवा से वाचा तोड़ी है
तब तुम्हें उस व्यक्ति को अवश्य दण्ड देना चाहिए जिसने यह बुरा काम किया है। तुम्हें उस पुरुष या स्त्री को नगर के द्वार के पास सार्वजनिक स्थान पर ले जाना चाहिए और उसे पत्थरों से मार डालना चाहिए।
और विश्वास के बिना तो परमेश्वर को प्रसन्न करना असम्भव है। क्योंकि हर एक वह जो उसके पास आता है, उसके लिए यह आवश्यक है कि वह इस बात का विश्वास करे कि परमेश्वर का अस्तित्व है और वे जो उसे सच्चाई के साथ खोजते हैं, वह उन्हें उसका प्रतिफल देता है।
ध्यान रहे! कि तुम उस बोलने वाले को मत नकारो। यदि वे उसको नकार कर नहीं बच पाये जिसने उन्हें धरती पर चेतावनी दी थी तो यदि हम उससे मुँह मोड़ेंगे जो हमें स्वर्ग से चेतावनी दे रहा है, तो हम तो दण्ड से बिल्कुल भी नहीं बच पायेंगे।
हमें भी नबियों के वचन पर और अधिक आस्था हुई। इस पर ध्यान देकर तुम भी अच्छा कर रहे हो क्योंकि यह तो एक प्रकाश है, जो एक अन्धेरे स्थान में तब तक चमक रहा है जब तक पौ फटती है और तुम्हारे हृदयों में भोर के तारे का उदय होता है।
मैं तुम्हें स्मरण कराना चाहता हूँ (यद्यपि तुम तो इन सब बातों को जानते ही हो) कि जिस प्रभु ने पहले अपने लोगों को मिस्र की धरती से बचाकर निकाल लिया था, बाद में जिन्होंने विश्वास को नकार दिया, उन्हें किस प्रकार नष्ट कर दिया गया।