तुम उस साहसपूर्ण वचन को भूल गये हो। जो तुम्हेंपुत्र के नाते सम्बोधित है: “हे मेरे पुत्र, प्रभु के अनुशासन का तिरस्कार मत कर, उसकी फटकार का बुरा कभी मत मान,
मैंने एप्रैम को रोते सुना है। मैंने एप्रैम को यह कहते सुना है: ‘हे यहोवा, तूने, सच ही, मुझे दण्ड दिया है और मैंने अपना पाठ सीख लिया। मैं उस बछड़े की तरह था जिसे कभी प्रशिक्षण नहीं मिला कृपया मुझे दण्ड देना बन्द कर, मैं तेरे पास वापस आऊँगा। तू सच ही मेरा परमेश्वर यहोवा है।
हुमिनयुस और सिकंदर ऐसे ही हैं। मैंने उन्हें शैतान को सौंप दिया है ताकि उन्हें परमेश्वर के विरोध में परमेश्वर की निन्दा करने से रोकने का पाठ पढ़ाया जा सके।
कठिनाई को अनुशासन के रूप में सहन करो। परमेश्वर तुम्हारे साथ अपने पुत्र के समान व्यवहार करता है। ऐसा पुत्र कौन होगा जिसे अपने पिता के द्वारा ताड़ना न दी गई हो?
वह व्यक्ति धन्य है जो परीक्षा में अटल रहता है क्योंकि परीक्षा में खरा उतरने के बाद वह जीवन के उस विजय मुकुट को धारण करेगा, जिसे परमेश्वर ने अपने प्रेम करने वालों को देने का वचन दिया है।