तुमने सुना है कि मैंने क्या किया था। ईजेबेल यहोवा के नबियों को मार रही थी और मैंने सौ नबियों को गुफाओं में छिपाया था। मैंने एक गुफा में पचास नबियों और दूसरी गुफा में पचास नबियों को रखा था। मैं उसके लिये अन्न—पानी लाया।
एक बार ईज़ेबेल यहोवा के सभी नबियों को जान से मार रही थी। इसलिये ओबद्याह ने सौ नबियों को लिया और उन्हें दो गुफाओं में छिपाया। ओबद्याह ने एक गुफा में पचास नबी और दूसरी गुफा में पचास नबी रखे। तब ओबद्याह उनके लिये पानी और भोजन लाया।)
अच्छे लोग चले गये किन्तु इस पर तो ध्यान किसी ने नहीं दिया। लोग समझते नहीं हैं कि क्या कुछ घट रहा है। भले लोग एकत्र किये गये। लोग समझते नहीं कि विपत्तियाँ आ रही हैं। उन्हें पता तक नहीं हैं कि भले लोग रक्षा के लिये एकत्र किये गये।
(वह हौज बहुत बड़ा था। यह यहूदा के आसा नामक राजा द्वारा बनवाया गया था। राजा आसा ने उसे इसलिये बनाया था कि युद्ध के दिनों में नगर को उससे पानी मिलता रहे। आसा ने यह काम इस्राएल के राजा बाशा से नगर की रक्षा के लिये किया था। इश्माएल ने उस हौज में इतने शव डाले कि वह भर गया।)
मिद्यानी लोग बहुत शक्तिशाली थे तथा इस्राएल के लोगों के प्रति बहुत क्रुर थे। इसलिए इस्राएल के लोगों ने पहाड़ों में बहुत से छिपने के स्थान बनाए। उन्होंने अपना भोजन भी गुफाओं और कठिनाई से पता लगाए जा सकने वाले स्थानों में छिपाए।
जीप के लोग गिबा में शाऊल के पास आए। उन्होंने शाऊल से कहा, “दाऊद हम लोगों के क्षेत्र में छिपा है। वह होरेश के किले में है। वह हकीला पहाड़ी पर यशीमोन के दक्षिण में है।
छिपने के जिन स्थानों का उपयोग दाऊद कर रहा है, उन सभी का पता लगाओ और मेरे पास वापस लौटो तथा मुझे सब कुछ बताओ। तब मैं तुम्हारे साथ चलूँगा। यदि दाऊद उस क्षेत्र में होगा तो मैं उसका पता लगाऊँगा। मैं उसका पता तब लगा लूँगा यदि मुझे यहूदा के सभी परिवारों की तलाशी लेनी पड़े।”