जाग उठो! जाग उठो हे सिय्योन! अपने वस्त्र को धारण करो! तुम अपनी शक्ति सम्भालो! हे पवित्र यरूशलेम, तुम खड़े हो जाओ! ऐसे वे लोग जिनको परमेश्वर का अनुसरण करना स्वीकार्य नहीं हैं और जो स्वच्छ नहीं हैं, तुझमें फिर प्रवेश नहीं कर पायेंगे।
अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।
सो उसकी मृत्यु में बपतिस्मा लेने से हम भी उसके साथ ही गाड़ दिये गये थे ताकि जैसे परमपिता की महिमामय शक्ति के द्वारा यीशु मसीह को मरे हुओं में से जिला दिया गया था, वैसे ही हम भी एक नया जीवन पायें।
किन्तु अब हमें व्यवस्था से छुटकारा दे दिया गया है क्योंकि जिस व्यवस्था के अधीन हमें बंदी बनाया हुआ था, हम उसके लिये मर चुके हैं। और अब पुरानी लिखित व्यवस्था से नहीं, बल्कि आत्मा की नयी रीति से प्रेरित होकर हम अपने स्वामी परमेश्वर की सेवा करते हैं।
सो हम सभी अपने खुले मुख के साथ दर्पण में प्रभु के तेज का जब ध्यान करते हैं तो हम भी वैसे ही होने लगते हैं और हमारा तेज अधिकाधिक बढ़ने लगता है। यह तेज उस प्रभु से ही प्राप्त होता है। यानी आत्मा से।
क्योंकि परमेश्वर हमारा सृजनहार है। उसने मसीह यीशु में हमारी सृष्टि इसलिए की है कि हम नेक काम करें जिन्हें परमेश्वर ने पहले से ही इसलिए तैयार किया हुआ है कि हम उन्हीं को करते हुए अपना जीवन बितायें।
उसने ऐसा तब किया जब अपने समूचे नियमों और व्यवस्थाओं के विधान को समाप्त कर दिया। उसने ऐसा इसलिए किया कि वह अपने में इन दोनों को ही एक में मिला सकें। और इस प्रकार मिलाप करा दे। क्रूस पर अपनी मृत्यु के द्वारा उसने उस घृणा का अंत कर दिया। और उन दोनों को परमेश्वर के साथ उस एक देह में मिला दिया।
उसने हमारे लिये अपने आपको दे डाला। ताकि वह सभी प्रकार की दुष्टताओं से हमें बचा सके और अपने चुने हुए लोगों के रूप में अपने लिये हमें शुद्ध कर ले—हमें, जो उत्तम कर्म करने को लालायित है।
इन्हीं के द्वारा उसने हमें वे महान और अमूल्य वरदान दिये हैं, जिन्हें देने की उसने प्रतिज्ञा की थी ताकि उनके द्वारा तुम स्वयं परमेश्वर के समान हो जाओ और उस विनाश से बच जाओ जो लोगों की बुरी इच्छाओं के कारण इस जगत में स्थित है।