मरने के पहले हजाएल ने योआश के पिता यहोआहाज से युद्ध में कुछ नगर लिये थे। किन्तु अब यहोआहाज ने हजाएल के पुत्र बेन्हदद से वे नगर वापस ले लिये। योआश ने बेन्हदद को तीन बार हराया और इस्राएल के नगरों को वापस लिया।
आसाने यहोवा के मन्दिर के कोषागार में रखे हुए चाँदी और सोने को लिया और उसने राजमहल से चाँदी सोना लिया। तब आसा ने बेन्हदद को सन्देश भेजा। बेन्हदद अराम का राजा था और दमिश्क नगर में रहता था। आसा का सन्देश था:
“‘किन्तु यदि तुम मेरी बात नहीं सुनते और मेरे आदेश को नहीं मानते तो बुरी घटनायें होंगी। यदि तुम सब्त के दिन यरूशलेम के द्वार से बोझ ले जाते हो तब तुम उसे पवित्र दिन नहीं रखते। इस दशा में मैं ऐसे आग लगाऊँगा जो बुझाई नहीं जा सकती। वह आग यरूशलेम के द्वारों से आरम्भ होगी और महलों को भी जला देगी।’”
इस्राएल ने राजभवन बनवाये थे किन्तु वह अपने निर्माता को भूल गया! अब देखो यहूदा ये गढ़ियाँ बनाता है। किन्तु मैं यहूदा की नगरी पर आग को भेजूँगा और वह आग यहूदा की गढ़ियाँ नष्ट करेगा!”
अत: मैं रब्बा की दीवार पर आग लगाऊँगा। यह आग रब्बा के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी। युद्ध के दिन यह आग लगेगी। यह आग एक ऐसे दिन लगेगी जब तूफ़ानी दिन में आंधियाँ चल रही होंगी।
परमेश्वर ने शकेम नगर के लोगों को भी उनके द्वारा किये गए पाप का दण्ड दिया। इस प्रकार योताम ने जो कहा, सत्य हुआ। (योताम यरुब्बाल का सबसे छोटा पुत्र था। यरुब्बाल गिदोन था।)