नहीं, यदि पानी सूख जाता है तो वे भी मुरझा जायेंगे। उन्हें काटे जाने के योग्य काट कर काम में लाने को वे बहुत छोटे रह जायेंगे।
बिलदद ने कहा, “क्या सूखी भूमि में भोजपत्र का वृक्ष बढ़ कर लम्बा हो सकता है? नरकुल बिना जल के बढ़ सकता है?
वह व्यक्ति जो परमेश्वर को भूल जाता है, नरकुल की भाँति होता है। वह व्यक्ति जो परमेश्वर को भूल जाता है कभी आशावान नहीं होगा।
सभी नदियों से दुर्गन्ध आने लगेगी। मिस्र की नहरें सूख जायेंगी। उनका पानी जाता रहेगा। पानी के सभी पौधे सड़ जायेंगे।
वे लोग मरुभूमि की झाड़ी की तरह हैं। वह झाड़ी उस भूमि पर है जहाँ कोई नहीं रहता। वह झाड़ी गर्म और सूखी भूमि में है। वह झाड़ी खराब मिट्टी में है। वह झाड़ी उन अच्छी चीज़ों को नहीं जानती जिन्हें परमेश्वर दे सकता हैं।
“वे बीज जो चट्टानी धरती पर गिरे थे, उनका अर्थ है वह व्यक्ति जो सुसंदेश सुनता है, उसे आनन्द के साथ तत्काल ग्रहण भी करता है।
क्योंकि शास्त्र कहता है: “सभी प्राणी घास की तरह हैं, और उनकी सज-धज जंगली फूल की तरह है। घास मर जाती है और फूल गिर जाते हैं।