महीने दर महीने बेचैनी के गुजर गये हैं और पीड़ा भरी रात दर रात मुझे दे दी गई है।
सचमुच हे परमेश्वर तूने मेरी शक्ति को हर लिया है। तूने मेरे सारे घराने को नष्ट कर दिया है।
परमेश्वर ने जो भी योजना मेरे विरोध में बना ली है वही करेगा, उसके पास मेरे लिये और भी बहुत सारी योजनायें है।
“काश! मेरा जीवन वैसा ही होता जैसा गुजरे महीनों में था। जब परमेश्वर मेरी रखवाली करता था, और मेरा ध्यान रखता था।
मनुष्य उस भाड़े के श्रमिक जैसा है जो तपते हुए दिन में मेहनत करने के बाद शीतल छाया चाहता है और मजदूरी मिलने के दिन की बाट जोहता रहता है।
हे यहोवा, तूने मुझको बस एक क्षणिक जीवन दिया। तेरे लिये मेरा जीवन कुछ भी नहीं है। हर किसी का जीवन एक बादल सा है। कोई भी सदा नहीं जीता!
हे यहोवा, सारी रात मैं तुझको पुकारता रहता हूँ। मेरा बिछौना मेरे आँसुओं से भीग गया है। मेरे बिछौने से आँसु टपक रहे हैं। तेरे लिये रोते हुए मैं क्षीण हो गया हूँ।
मेरे शत्रुओं ने मुझे बहुतेरे दु:ख दिये। इसने मुझे शोकाकुल और बहुत दु:खी कर डाला और अब मेरी आँखें रोने बिलखने से थकी हारी, दुर्बल हैं।
इस पृथ्वी पर की सभी वस्तुओं पर मैंने दृष्टि डाली और देखा कि यह सब कुछ व्यर्थ है। यह वैसा ही है जैसा वायु को पकड़ना।