तेरे शब्द कहने के लिये आसान हैं जब कुछ भी बुरा नहीं घटित हुआ है। यहाँ तक कि बनैला गधा भी नहीं रेंकता यदि उसके पास घास खाने को रहे और कोई भी गाय तब तक नहीं रम्भाती जब तक उस के पास चरने के लिये चारा है।
जंगली गधे नंगी पहाड़ी पर खड़े होते हैं। वे गीदड़ की तरह हवा सूंघते हैं। किन्तु उनकी आँखों को कोई चरने की चीज़ नहीं दिखाई पड़ती। क्योंकि चरने योग्य वहाँ कोई पौधे नहीं हैं।