मैं झूठ नहीं कह रहा हूँ। मुझको भले और बुरे लोगों की पहचान है।”
पिता ने अंगरखे को देखा और पहचाना कि यह यूसुफ का है। पिता ने कहा, “हाँ, यह उसी का है। संभव है उसे किसी जंगली जानवर ने मार डाला हो। मेरे पुत्र यूसुफ को कोई जंगली जानवर खा गया।”
अय्यूब, तुम परमेश्वर से कहते रहे कि, ‘मेरा विश्वास सत्य है और तू देख सकता है कि मैं निष्कलंक हूँ!’
जैसे जीभ भोजन का स्वाद चखती है, वैसी ही कानों को शब्दों को परखना भाता है।
कान उन सब को परखता है जिनको वह सुनता है, ऐसे ही जीभ जिस खाने को छूती है, उसका स्वाद पता करती है।
भोजन बिना नमक के बेस्वाद होता है और अण्डे की सफेदी में स्वाद नहीं आता है।
किन्तु ठोस आहार तो उन बड़ों के लिए ही होता है जिन्होंने अपने अनुभव से भले-बुरे में पहचान करना सीख लिया है।