“अय्यूब, परमेश्वर तुझको तेरी विपत्तियों से दूर करके तुझे सहारा देना चाहता है। परमेश्वर तुझे एक विस्तृत सुरक्षित स्थान देना चाहता है और तेरी मेज पर भरपूर खाना रखना चाहता है।
मैंने एप्रैम को रोते सुना है। मैंने एप्रैम को यह कहते सुना है: ‘हे यहोवा, तूने, सच ही, मुझे दण्ड दिया है और मैंने अपना पाठ सीख लिया। मैं उस बछड़े की तरह था जिसे कभी प्रशिक्षण नहीं मिला कृपया मुझे दण्ड देना बन्द कर, मैं तेरे पास वापस आऊँगा। तू सच ही मेरा परमेश्वर यहोवा है।
इसलिए तुम्हें जानना चाहिए कि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें शिक्षित करने और सुधारने के लिए वह सब वैसे ही किया जैसे कोई पिता अपने पुत्र की शिक्षा के लिए करता है।
वह व्यक्ति धन्य है जो परीक्षा में अटल रहता है क्योंकि परीक्षा में खरा उतरने के बाद वह जीवन के उस विजय मुकुट को धारण करेगा, जिसे परमेश्वर ने अपने प्रेम करने वालों को देने का वचन दिया है।
ध्यान रखना, हम उनकी सहनशीलता के कारण उनको धन्य मानते हैं। तुमने अय्यूब के धीरज के बारे में सुना ही है और प्रभु ने उसे उसका जो परिणाम प्रदान किया, उसे भी तुम जानते ही हो कि प्रभु कितना दयालु और करुणापूर्ण है।