किन्तु फ़िरौन ने कहा, “यहोवा कौन है? मैं उसका आदेश क्यों मानूँ? मैं इस्राएलियों को क्यों जाने दूँ? मैं उसे नहीं जानता जिसे तुम यहोवा कहते हो। इसलिए मैं इस्राएलियों को जाने देने से मना करता हूँ।”
शोमरोन को देखो! एप्रैम के मदमस्त लोग उस नगर पर गर्व करते हैं। वह नगर पहाड़ी पर बसा है जिसके चारों तरफ एक सम्पन्न घाटी है। शोमरोन के वासी यह सोचा करते हैं कि उनका नगर फूलों के मुकुट सा है। किन्तु वे दाखमधु से धुत्त हैं और यह “सुन्दर मुकुट” मुरझाये पौधे सा है।
कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “‘मिस्र के राजा फिरौन, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ। तुम नील नदी के किनारे विश्राम करते हुए विशाल दैत्य हो। तुम कहते थे, “यह मेरी नदी है! मैंने यह नदी बनाई है!”
मैंने जो पशु देखा था, वह चीते जैसा था। उसके पैर भालू के पैर जैसे थे और उसका मुख सिंह के मुख के समान था। उस विशालकाय अजगर ने अपनी शक्ति, अपना सिंहासन और अपना प्रचुर अधिकार उसे सौंप दिया।