ये ढ़ाले आपस में इतनी सटी होती हैं कि हवा तक उनमें प्रवेश नहीं कर पाती है।
लिब्यातान की पीठ पर ढालों की पंक्तियाँ होती है, जो आपस में कड़ी छाप से जुड़े होते हैं।
ये ढाले एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। वे इतनी मजबूती से एक दूसरे से जुडी हुई है कि कोई भी उनको उखाड़ कर अलग नहीं कर सकता।