मुझ को (परमेश्वर को) किसी भी व्यक्ति कुछ नहीं देना है। सारे आकाश के नीचे जो कुछ भी है, वह सब कुछ मेरा ही है।
मृत्यु का स्थान परमेश्वर की आँखों के सामने खुला है, परमेश्वर के आगे विनाश का स्थान ढका नहीं है।
परमेश्वर विवेक को जानता है क्योंकि वह धरती के आखिरी छोर तक देखा करता है। परमेश्वर हर उस वस्तु को जो आकाश के नीचे है देखा करता है।
किन्तु अय्यूब, जब तू बदलने को मना करता है, तो क्या परमेश्वर तुझे वैसा प्रतिफल दे, जैसा प्रतिफल तू चाहता है? यह तेरा निर्णय है यह मेरा नहीं है। तू ही बता कि तू क्या सोचता है?
अय्यूब, यदि तू भला है तो इससे परमेश्वर का भला नहीं होता, तुझसे परमेश्वर को कुछ नहीं मिलता।
“अय्यूब, मैं तुझको लिब्यातान के पैरों के विषय में बताऊँगा। मैं उसकी शक्ति और उसके रूप की शोभा के बारे में बताऊँगा।
जब परमेश्वर क्रोधित होता है, वह पर्वतों को हटा देता है और वे जान तक नहीं पाते।
स्वर्ग यहोवा का है। किन्तु धरती उसने मनुष्यों को दे दिया।
हे यहोवा, सचमुच तूने बहुत आशीष राजा को दी। उसके सिर पर तूने स्वर्ण मुकुट रख दिया।
यह धरती और उस पर की सब वस्तुएँ यहोवा की है। यह जगत और इसके सब व्यक्ति उसी के हैं।
मैं भूखा नहीं हूँ! यदि मैं भूखा होता, तो भी तुमसे मुझे भोजन नहीं माँगना पड़ता। मैं जगत का स्वामी हूँ और उसका भी हर वस्तु जो इस जगत में है।
इसलिए अब मैं कहता हूँ तुम लोग मेरा आदेश मानो। मेरे साक्षीपत्र का पालन करो। यदि तुम मेरे आदेश मानोगे तो तुम मेरे विशेष लोग बनोगे। समस्त संसार मेरा है।
“परमेश्वर को किसी ने क्या दिया है? कि वह किसी को उसके बदले कुछ दे।”
क्योंकि शास्त्र कहता है: “यह धरती और इस पर जो कुछ है, सब प्रभु का है।”
किन्तु यदि कोई तुम लोगों को यह बताये, “यह देवता पर चढ़ाया गया चढ़ावा है” तो जिसने तुम्हें यह बताया है, उसके कारण और अपने अन्तर्मन के कारण उसे मत खाओ।
“हर एक चीज, यहोवा तुम्हारे परमेश्वर की है। स्वर्ग, सबसे ऊँचा भी उसी का है। पृथ्वी और उस पर की सार चीजें यहोवा तुम्हारे परमेश्वर की हैं।
प्रमाण यहाँ है। सारे संसार के स्वामी के साक्षीपत्र का सन्दूक उस समय तुम्हारे आगे चलेगा जब तुम यरदन नदी को पार करोगे।