कमल के पौधे जलगज को अपनी छाया में छिपाते है। वह बाँस के पेड़ों के तले रहता हैं, जो नदी के पास उगा करते है।
जलगज कमल के पौधे के नीचे पड़ा रहता है और कीचड़ में सरकण्ड़ों की आड़ में छिपा रहता है।
यदि नदी में बाढ़ आ जाये तो भी जल गज भागता नहीं है। यदि यरदन नदी भी उसके मुख पर थपेड़े मारे तो भी वह डरता नहीं है।
सो लोग जो कुछ उनके पास है उसे इकट्ठा करते हैं, और मोआब को छोड़ते हैं। उन वस्तुओं को लेकर वे नाले (पाप्लर या अराबा) से सीमा पार कर रहे हैं।
वे संसार के लोगों के बीच फलेंगे—फूलेंगे। वे जलधाराओं के साथ—साथ लगे बढ़ते हुए चिनार के पेड़ों के समान होंगे।
तब उकाब ने बीजों (लोगों) में से कुछ को कनान से लिया। उसने उन्हें अच्छी भूमि में बोया। उसने एक अच्छी नदी के सहारे उन्हें बोया।
पहले दिन तुम फलदार पेड़ों से अच्छे फल लोगे और तुम नाले के किनारे के खजूर के पेड़, चीड़ और बेंत के पेड़ों से शाखाएँ लोगे। तुम अपने परमेश्वर यहोवा के सामने सात दिन तक पर्व मनाओगे।