बिजली के कौंधने के बाद परमेश्वर की गर्जन भरी वाणी सुनी जा सकती है। परमेश्वर अपनी अद्भुत वाणी के साथ गरजता है। जब बिजली कौंधती है तब परमेश्वर की वाणी गरजती है।
ये तो परमेश्वर के आश्चर्यकर्मों की थोड़ी सी बातें हैं। बस हम थोड़ा सा परमेश्वर के हल्की—ध्वनि भरे स्वर को सुनते हैं। किन्तु सचमुच कोई व्यक्ति परमेश्वर के शक्ति के गर्जन को नहीं समझ सकता है।”