हे परमेश्वर, तू लोगों पर दृष्टि रखता है। यदि मैंने पाप किया, तब मैं क्या कर सकता हूँ तूने मुझको क्यों निशाना बनाया है? क्या मैं तेरे लिये कोई समस्या बना हूँ?
किन्तु मैं वह नहीं हूँ जिसे यहूदा के लोग सचमुच चोट पहुँचा रहे हैं।” यह सन्देश यहोवा का है। “वे केवल अपने को ही चोट पहुँचा रहे हैं। वे अपने को लज्जा का पात्र बना रहे हैं।”