इसलिये अय्यूब निज व्यर्थ बातें करता रहता है। अय्यूब ऐसा व्यवहार कर रहा है कि जैसे वह महत्वपूर्ण है। किन्तु यह देखना कितना सरल है कि अय्यूब नहीं जानता कि वह क्या कह रहा है।”
तब अय्यूब ने अपना मुँह खोला और उस दिन को कोसने लगा जब वह पैदा हुआ था।
मैं अपनी बात शीघ्र ही कहनेवाला हूँ, मैं अपनी बात कहने को लगभग तैयार हूँ।
“अय्यूब, तू सोचता है कि परमेश्वर दुष्टों को दण्ड नहीं देता है और परमेश्वर पाप पर ध्यान नहीं देता है।
एलीहू ने बात जारी रखते हुए कहा:
“यह कौन व्यक्ति है जो मूर्खतापूर्ण बातें कर रहा है?”
तुम गर्वीले थे तथा मेरे विरुद्ध तुमने बातें कीं। तुमने अनेक बार कहा और जो तुमने कहा, उसका हर एक शब्द मैंने सुना! हाँ, मैंने तुम्हें सुना।”