इसलिये अय्यूब निज व्यर्थ बातें करता रहता है। अय्यूब ऐसा व्यवहार कर रहा है कि जैसे वह महत्वपूर्ण है। किन्तु यह देखना कितना सरल है कि अय्यूब नहीं जानता कि वह क्या कह रहा है।”
यहोवा जब अय्यूब से अपनी बात कर चुका तो यहोवा ने तेमान के निवासी एलीपज से कहा: “मैं तुझसे और तेरे दो मित्रों से क्रोधित हूँ क्योंकि तूने मेरे बारे में उचित बातें नहीं कही थीं। किन्तु अय्यूब ने मेरे बारे में उचित बातें कहीं थीं। अय्यूब मेरा दास है।
आज्ञा के पालन से इनकार करना जादूगरी करने के पाप जैसा है। हठी होना और मनमानी करना मूर्तियों की पूजा करने जैसा पाप है। तुमने यहोवा की आज्ञा मानने से इन्कार किया। इसी करण यहोवा अब तुम्हें राजा के रूप में स्वीकार करने से इन्कार करता है।”