तो मैं सदा उन लोगों को वस्त्र देता रहा, मैंने उन्हें गर्म रखने को मैंने स्वयं अपनी भेड़ों के ऊन का उपयोग किया, तो वे मुझे अपने समूचे मन से आशीष दिया करते थे।
फिर ऐसा हुआ कि जैसे ही यीशु ने ये बातें कहीं, भीड़ में से एक स्त्री उठी और ऊँचे स्वर में बोली, “वह गर्भ धन्य है, जिसने तुझे धारण किया। वे स्तन धन्य है, जिनका तूने पान किया है।”