क्यों? क्योंकि जब किसी दीन ने सहायता के लिये पुकारा, मैंने सहायता की। उस बच्चे को मैंने सहारा दिया जिसके माँ बाप नहीं और जिसका कोई भी नहीं ध्यान रखने को।
ऐसे भी होते हैं जिनके दाँत कटार हैं और जिनके जबड़ों में खंजर जड़े रहते हैं जिससे वे इस धरती के गरीबों को हड़प जायें, और जो मानवों में से अभावग्रस्त हैं उनको वे निगल लें।
वे नियम बनाने वाले गरीब लोगों के प्रति सच्चे नहीं हैं। वे गरीबों के अधिकार छीनते हैं। वे लोगों को विधवाओं और अनाथों के यहाँ चोरी करने की अनुमति देते हैं।
वह गरीब और असहाय लोगों के साथ बुरा व्यवहार कर सकता है। वह लोगों से अनुचित लाभ उठा सकता है। वह गिरवी चीज़ को तब भी न लौटाये जब कोई व्यक्ति अपने ऋण का भुगतान कर चुका हो। वह पापी पुत्र उन गन्दी देवमूर्तियों की प्रार्थना कर सकता है एवं अन्य भयंकर पाप भी कर सकता हैं।
पिता लोगों को चोट पहुँचा सकता है और चीज़ें चुरा सकता है! वह मेरे लोगों के लिये कभी कुछ अच्छा कार्य नहीं कर सकता। वह पिता अपने पापों के कारण मरेगा। किन्तु पुत्र अपने पिता के पापों के लिये दण्डित नहीं होगा।
“सामान्य जनता एक दूसरे का लाभ उठाते हैं। वे एक दूसरे को धोखा देते और चोरी करते हैं। वे गरीब और असहाय व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं। वे विदेशियों को भी धोखा देते थे, मानों उनके विरुद्ध कोई नियम न हो!
उन्होंने उन गरीब लोगों को धक्का दे मुँह के बल गिराया और वे उनको कुचलते हुए गए। उन्होंने कष्ट भोगते लोगों की एक न सुनी। पिताओं और पुत्रों ने एक ही युवती के साथ शारीरिक सम्बंध किया। उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया है।
शोमरोन के पर्वत की बाशान की गायों मेरी बात सुनो। तुम गरीब लोगों को चोट पहुँचाती हो। तुम उन गरीबों को कुचलती हो। तुम अपने अपने पतियों से कहती हो, “पीने के लिये हमारे लिये कोई दाखमधु लाओ!”