किन्तु मुझे इच्छा नहीं है कि मैं तुझ से तर्क करूँ, मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर से बोलना चाहता हूँ। अपने संकट के बारे में, मैं परमेश्वर से तर्क करना चाहता हूँ।
किन्तु परमेश्वर मेरे हर चरण को देखता है, जिसको मैं उठाता हूँ। जब वह मेरी परीक्षा ले चुकेगा तो वह देखेगा कि मुझमें कुछ भी बुरा नहीं है, वह देखेगा कि मैं खरे सोने सा हूँ।
यहोवा कहता है, “आओ, हम इन बातों पर विचार करें। तुम्हारे पाप यद्यपि रक्त रंजित हैं, किन्तु उन्हें धोया जा सकता है। जिससे तुम बर्फ के समान उज्जवल हो जाओगे। तुम्हारे पाप लाल सुर्ख हैं। किन्तु वे सन के समान श्वेत हो सकते हो।
यहोवा यदि मैं तुझसे तर्क करता हूँ, तू सदा ही सही निकलता है। किन्तु मैं तुझसे उन सब के बारे में पूछना चाहता हूँ जो सही नहीं लगतीं। दुष्ट लोग सफल क्यों हैं जो तुझ पर विश्वास नहीं करते, उनका उतना जीवन सुखी क्यों है
तुमने ये भी कहा, ‘परमेश्वर सदैव मुझ पर क्रोधित नहीं रहेगा। परमेश्वर का क्रोध सदैव बना नहीं रहेगा।’ “यहूदा, तुम यह सब कुछ कहती हो, किन्तु तुम उतने ही पाप करती हो जितने तुम कर सकती हो।”