मैं यह जानना चाहता हूँ कि परमेश्वर कैसे मेरे तर्को का उत्तर देता है, तब मैं परमेश्वर के उत्तर समझ पाता।
मैं परमेश्वर से कहूँगा ‘मुझ पर दोष मत लगा। मुझे बता दै, मैंने तेरा क्या बुरा किया मेरे विरुद्ध तेरे पास क्या है?
मैं अपनी कथा परमेश्वर को सुनाता, मेरा मुँह युक्तियों से भरा होता यह दर्शाने को कि मैं निर्दोष हूँ।
क्या परमेश्वर अपनी महाशक्ति के साथ मेरे विरुद्ध होता नहीं! वह मेरी सुनेगा।