जब बुरे व्यक्ति की आयु के महीने समाप्त हो जाते हैं और वह मर जाता है; वह उस परिवार की परवाह नहीं करता जिसे वह पीछे छोड़ जाता है।
यदि उसके पुत्र कभी सम्मान पाते हैं तो उसे कभी उसका पता नहीं चल पाता। यदि उसके पुत्र कभी अपमान भोगतें हैं, जो वह उसे कभी देख नहीं पाता है।
मनुष्य का जीवन सीमित है। मनुष्य के महीनों की संख्या परमेश्वर ने निश्चित कर दी है। तूने मनुष्य के लिये जो सीमा बांधी है, उसे कोई भी नहीं बदल सकता।
तू पापी को उसके अपने दण्ड को दिखा दे, तब वह सर्वशक्तिशाली परमेश्वर के कोप का अनुभव करेगा।
“कोई व्यक्ति परमेश्वर को ज्ञान नहीं दे सकता, वह ऊँचे पदों के जनों का भी न्याय करता है।
इसलिए मैंने कहा, “मेरे प्राण छोटी उम्र में मत हरा। हे परमेश्वर, तू सदा और सर्वदा अमर रहेगा।
इससे पहले कि उनकी आधी आयु बीते। हे परमेश्वर उन हत्यारों को और उन झूठों को कब्रों में भेज! जहाँ तक मेरा है, मैं तो तुझ पर ही भरोसा रखूँगा।