तोपेत को बहुत पहले से ही तैयार कर लिया गया है। राजा के लिये यह तैयार है। यह भट्टी बहुत गहरी और बहुत चौड़ी बनायी गयी है। वहाँ लकड़ी का एक बहुत बड़ा ढेर और आग मौजूद है। यहोवा की आत्मा जलती हुई गंधक की नदी के रुप में आयेगी और इसे भस्म कर के नष्ट कर देगी।
यदि अपने देश में वे चारों तरफ देखेंगे तो उन्हें चारों ओर विपत्ति और चिन्ता जनक अन्धेरा ही दिखाई देगा। लोगों का वह अंधकारमय दु:ख उन्हें देश छोड़ने पर विवश करेगा और वे लोग जो उस अन्धेरे में फँसे होंगे, अपने आपको उससे मुक्त नहीं करा पायेंगे।
उसके हाथों में उसका छाज है जिस से वह अनाज को भूसे से अलग करता है। अपने खलिहान से वह साफ किये समस्त अनाज को उठा, इकट्ठा कर, कोठियों में भरेगा और भूसे को ऐसी आग में झोंक देगा जो कभी बुझाए नहीं बुझेगी।”
वे समुद्र की ऐसी भयानक लहरें हैं, जो अपने लज्जापूर्ण कार्यों का झाग उगलती रहती हैं। वे इधर-उधर भटकते ऐसे तारे हैं जिनके लिए अनन्त गहन अंधकार सुनिश्चित कर दिया गया है।