“दुष्ट जन कभी भी तृप्त नहीं होता है, उसका धन उसको नहीं बचा सकता है।
दुष्ट सम्पत्तियों को निगल जाता है किन्तु वह उन्हें बाहर ही उगलेगा। परमेश्वर दुष्ट के पेट से उनको उगलवायेगा।