तब उस अधिकारी ने जो राजा का विश्वासपात्र था, परमेश्वर के जन (एलीशा) से बातें कीं। अधिकारी ने कहा, “यदि यहोवा आकाश में खिड़कियाँ भी बना दे तो भी यह नहीं होगा!” एलीशा ने कहा, “इसे तुम अपनी आँखों से देखोगे। किन्तु उस भोजन में से तुम कुछ भी नहीं खाओगे।”
जब तक मैं आकर तुम्हें तुम्हारे ही जैसे एक देश में न ले जाऊँ, तब तक तुम ऐसा करते रह सकते हो। उस नये देश में तुम अच्छा अनाज और नया दाखमधु पाओगे। उस धरती पर तुम्हें रोटी और अँगूर के खेत मिलेंगे।”
“गरीब जन, और जरुरत मंद जल ढूँढ़ते हैं किन्तु उन्हें जल नहीं मिलता है। वे प्यासे हैं और उनकी जीभ सूखी है। मैं उनकी विनतियों का उत्तर दूँगा। मैं उनको न ही तजूँगा और न ही मरने दूँगा।
मैंने उनके पूर्वर्जों को वचन दिया था। मैंने प्रतिज्ञा की थी कि मैं उनको एक महान देश दूँगा। किन्तु उनमें से कोई भी व्यक्ति जो मेरे विरुद्ध में हो चुका है उस देश में प्रवेश नहीं करेगा।
तब उसने पुकार कर कहा, ‘पिता इब्राहीम, मुझ पर दया कर और लाजर को भेज कि वह पानी में अपनी उँगली डुबो कर मेरी जीभ ठंडी कर दे, क्योंकि मैं इस आग में तड़प रहा हूँ।’