याकूब अपने पुत्र के लिए इतना दुःखी हुआ कि उसने अपने कपड़े फाड़ डाले। तब याकूब ने विशेष वस्त्र पहने जो उसके शोक के प्रतीक थे। याकूब लम्बे समय तक अपने पुत्र के शोक में पड़ा रहा।
एलिय्याह के कथन के पूरा होने पर अहाब बहुत दुःखी हुआ। उसने अपने वस्त्रों को यह दिखाने के लिये फाड़ डाला कि उसे दुःख है। तब उसने शोक के विशेष वस्त्र पहन लिये। अहाब ने खाने से इन्कार कर दिया। वह उन्हीं विशेष वस्त्रों को पहने हुए सोया। अहाब बहुत दुःखी और उदास था।
किन्तु एक शत्रु मेरे पीछे पड़ा हुआ है। वह मेरी हत्या करना चाहता है। वह शत्रु चाहता है कि मेरे जीवन को धरती पर रौंद डाले और मेरी आत्मा को धूल में मिला दे।
सो, मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा लोगों से उनके मरे हुए मित्रों के लिए विलाप करने और दु:खी होने के लिये कहेगा। लोग अपने सिर मुँड़ा लेंगे और शोक वस्त्र धारण करेंगे।
हन्ना ने कहा: “यहोवा, में, मेरा हृदय प्रसन्न है! मैं अपने परमेश्वर में शक्तिमती अनुभव करती हूँ! मैं अपनी विजय से पूर्ण प्रसन्न हूँ! और अपने शत्रुओं की हँसी उड़ाई हूँ।
यहोवा अपने शत्रुओं को नष्ट करता है। सर्वोच्च परमेश्वर लोगों के विरुद्ध गगन में गरजेगा। यहोवा सारी पृथ्वी का न्याय करेगा। यहोवा अपने राजा को शक्ति देगा। वह अपने अभीषिक्त राजा को शक्तिशाली बनायेगा।”