क्या तू सोचता है कि कोई बुद्धिमान पुरुष व्यर्थ के शब्दों से और उन भाषणों से तर्क करेगा जिनका कोई लाभ नहीं?
“अय्यूब, य़दि तू सचमुच बुद्धिमान होता तो रोते शब्दों से तू उत्तर न देता। क्या तू सोचता है कि कोई विवेकी पुरुष पूर्व की लू की तरह उत्तर देता है?
अय्यूब, यदि तू मनमानी करता है तो कोई भी व्यक्ति परमेश्वर की न तो आदर करेगा, न ही उससे प्रार्थना करेगा।
तुम्हारी बोली सदा मीठी रहे और उससे बुद्धि की छटा बिखरे ताकि तुम जान लो कि किस व्यक्ति को कैसे उत्तर देना है।