और उस स्त्री ने एलिय्याह से कहा, “तुम परमेश्वर के व्यक्ति हो। क्या तुम मुझे सहायता दे सकते हो या क्या तुम मुझे सारे पापों को केवल याद कराने के लिये यहाँ आये हो क्या तुम यहाँ मेरे पुत्र को केवल मरवाने आये थे?”
हे यहोवा, मैं तुझसे भटक गया था। किन्तु मैंने जो बुरा किया उससे शिक्षा ली। अत: मैंने अपने हृदय और जीवन को बदल डाला। जो मैंने युवाकाल में मूर्खतापूर्ण काम किये उनके लिये मैं परेशान और लज्जित हूँ।’”
इसके बाद यीशु ने उस व्यक्ति को मन्दिर में देखा और उससे कहा, “देखो, अब तुम नीरोग हो, इसलिये पाप करना बन्द कर दो। नहीं तो कोई और बड़ा कष्ट तुम पर आ सकता है।” फिर वह व्यक्ति चला गया।