यदि मुझको कोई सफलता मिल जाये और मैं अभिमानी हो जाऊँ, तो तू मेरा पीछा वैसे करेगा जैसे सिंह के पीछे कोई शिकारी पड़ता है और फिर तू मेरे विरुद्ध अपनी शक्ति दिखायेगा।
“परमेश्वर मुझ पर प्रहार करता है। वह मुझ पर कुपित है और वह मेरी देह को फाड़ कर अलग कर देता है, तथा परमेश्वर मेरे ऊपर दाँत पीसता है। मुझे शत्रु घृणा भरी दृष्टि से घूरते हैं।
“ओह! काश कोई होता जो मेरी सुनता! मुझे अपनी बात समझाने दो। काश! शक्तिशाली परमेश्वर मुझे उत्तर देता। काश! वह उन बातों को लिखता जो मैंने गलत किया था उसकी दृष्टि में।
वह वाचा यह है: मैं सहायता पाने के लिये यहोवा की प्रतीक्षा करुँगा। यहोवा याकूब के घराने से लज्जित है। वह उनको देखना तक नहीं चाहता है। किन्तु मैं यहोवा की प्रतीक्षा करुँगा, वह हमारी रक्षा करेगा।
यहोवा शत्रु हो गया था और उसने इस्राएल को निगल लिया। उसकी सभी महलों को उसने निगल लिया उसके सभी गढ़ियों को उसने निगल लिया था। यहूदा की पुत्री के भीतर मरे हुए लोगों के हेतु उसने हाहाकार और शोक मचा दिया।
तब यहोवा ने कहा, ‘मैं इनसे मुँह मोडूँगा! मैं देख सकूँगा—अन्त होगा क्या उनका। क्यों? क्योंकि भ्रष्ट सभी उनकी पीढ़ियाँ हैं। वे हैं ऐसी सन्तान जिन्हें विश्वास नहीं है!