“अब मेरे मित्र मेरी हँसी उड़ाते हैं, वह कहते है: ‘हाँ, वह परमेश्वर से विनती किया करता था, और वह उसे उत्तर देता था। इसलिए यह सब बुरी बातें उसके साथ घटित हो रही है।’ यद्यपि मैं दोषरहित और खरा हूँ, लेकिन वे मेरी हँसी उड़ाते हैं।
जैसे तुम कहते हो वैसी बातें तो मैं भी कर सकता हूँ, यदि तुम्हें मेरे दु:ख झेलने पड़ते। तुम्हारे विरोध में बुद्धिमत्ता की बातें मैं भी बना सकता हूँ और अपना सिर तुम पर नचा सकता हूँ।
तेरे शब्द कहने के लिये आसान हैं जब कुछ भी बुरा नहीं घटित हुआ है। यहाँ तक कि बनैला गधा भी नहीं रेंकता यदि उसके पास घास खाने को रहे और कोई भी गाय तब तक नहीं रम्भाती जब तक उस के पास चरने के लिये चारा है।
अपने परमेश्वर यहोवा का सम्मान करो, उसकी स्तुति करो नहीं तो वह अंधकार लाएगा। अंधेरी पहाड़ियों पर लड़खड़ाने और गिरने से पहले उसकी स्तुति करो। यहूदा के लोगों, तुम प्रकाश की आशा करते हो। किन्तु यहोवा प्रकाश को घोर अंधकार में बदलेगा। यहोवा प्रकाश को अति गहन अंधकार से बदल देगा।
केवल मैं हूँ देने वाला दण्ड मैं ही देता लोगों को अपराधों का बदला, जब उनका पग फिसल पड़ेगा अपराधों में, क्यों? क्योंकि विपत्ति समय उनका समीप है और दण्ड समय उनका दौड़ा आएगा।”