काश! परमेश्वर तुझे बुद्धि के छिपे रहस्य बताता और वह सचमुच तुझे उनको बतायेगा! हर कहानी के दो पक्ष होते हैं, अय्यूब, मेरी सुन परमेश्वर तुझे कम दण्डित कर रहा है, अपेक्षाकृत जितना उसे सचमुच तुझे दण्डित करना चाहिये।
यह मैं तुमसे इसलिए कह रहा हूँ कि तुम्हें कुछ लाज आये। क्या स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि तुम्हारे बीच कोई ऐसा बुद्धिमान पुरुष है ही नहीं जो अपने मसीही भाइयों के आपसी झगड़े सुलझा सके?