काश! परमेश्वर तुझे बुद्धि के छिपे रहस्य बताता और वह सचमुच तुझे उनको बतायेगा! हर कहानी के दो पक्ष होते हैं, अय्यूब, मेरी सुन परमेश्वर तुझे कम दण्डित कर रहा है, अपेक्षाकृत जितना उसे सचमुच तुझे दण्डित करना चाहिये।
“ओह! काश कोई होता जो मेरी सुनता! मुझे अपनी बात समझाने दो। काश! शक्तिशाली परमेश्वर मुझे उत्तर देता। काश! वह उन बातों को लिखता जो मैंने गलत किया था उसकी दृष्टि में।
यहोवा जब अय्यूब से अपनी बात कर चुका तो यहोवा ने तेमान के निवासी एलीपज से कहा: “मैं तुझसे और तेरे दो मित्रों से क्रोधित हूँ क्योंकि तूने मेरे बारे में उचित बातें नहीं कही थीं। किन्तु अय्यूब ने मेरे बारे में उचित बातें कहीं थीं। अय्यूब मेरा दास है।