किन्तु जब बुरे लोग आसरा ढूढेंगे तब उनको नहीं मिलेगा। उनके पास कोई आस नहीं होगी। वे अपनी विपत्तियों से बच कर निकल नहीं पायेंगे। मृत्यु ही उनकी आशा मात्र होगी।”
सहायता पाने की बाट जोहते—जोहते अपनी आँखों ने काम करना बंद किया, और अब हमारी आँखें थक गई है। किन्तु कोई भी सहायता नहीं आई। हम प्रतीक्षा करते रहे कि कोई ऐसी जाति आये जो हमको बचा ले। हम अपनी निगरानी बुर्ज से देखते रह गये। किन्तु किसी ने भी हम को बचाया नहीं।
यदि तुम ऐसा करते हो तो मैं ऐसा करूँगा कि तुम्हारा भयंकर अनिष्ट होगा। मैं तुमको असाध्य रोग और तीव्र ज्वर लगाऊँगा वे तुम्हारी आँखे कठर करेंगे और तुम्हारा जीवन ले लेंगे। जब तुम अपने बीज बोओगे तो तुम्हें सफलता नहीं मिलेगी। तुम्हारी पैदावार तुम्हारे शुत्र खाएंगे।
कोई भी व्यक्ति बच कर नहीं निकल पाएगा, यहाँ तक कि सर्वाधिक तेज दौड़ने वाला भी। शक्तिशाली पुरूष भी पर्याप्त शक्तिशाली नहीं रहेंगे। सैनिक अपने को नहीं बचा पाएँगे।
“तुम्हें इन राष्ट्रों के बीच तनिक भी शान्ति नहीं मिलेगी। तुम्हें आराम की कोई जगह नहीं मिलेगी। यहोवा तुम्हारे मस्तिष्क को चिन्ताओं से भर देगा। तुम्हारी आँखें पथरा जाएंगी। तुम अपने को ऊखड़ा हुआ अनुभव करोगे।