सुलैमान ने यहोवा का मन्दिर मोरिय्याह पर्वत पर यरूशलेम में बनाना आरम्भ किया। पर्वत मोरिय्याह वह स्थान है जहाँ यहोवा ने सुलैमान के पिता दाऊद को दर्शन दिया था। सुलैमान ने उसी स्थान पर मन्दिर बनाया जिसे दाऊद तैयार कर चुका था। यह स्थान उस खलिहान में था जो ओर्नान का था। ओर्नान यबूसी लोगों में से एक था।
वे रक्त सहित माँस को या कोई भी वर्जीत भोजन नहीं खायेंगे। कोई भी बचा पलिश्ती हमारे राष्ट्र का अंग बनेगा। वे यहूदा में एक नया परिवार समूह होंगे। एक्रोन के लोग हमारे लोगों के एक भाग होंगे जैसा कि यबूसी लोग बन गए। मैं अपने देश की रक्षा करूँगा।