दाऊद की सेना ने उस दिन विजय पाई थी। किन्तु वह दिन सभी लोगों के लिये बहुत शोक का दिन हो गया। यह शोक का दिन था, क्योंकि लोगों ने सुना, “राजा अपने पुत्र के लिये बहुत दुःखी है।”
बर्जिल्लै बहुत बूढ़ा आदमी था। वह अस्सी वर्ष का था। जब दाऊद महनैम में ठहरा था तब उसने उसको भोजन तथा अन्य चीजें दी थीं। बर्जिल्लै यह सब कर सकता था क्योंकि वह बहुत धनी व्यक्ति था।