अहीमास ने उत्तर दिया, “चाहे जो हो, चिन्ता नहीं, मैं दौड़ जाऊँगा।” योआब ने अहीमास से कहा, “दौड़ो।” तब अहीमास यरदन की घाटी से होकर दौड़ा। वह कुशी को पीछे छोड़ गया।
किन्तु सादोक के पुत्र अहीमास ने योआब से फिर प्रार्थना की, “जो कुछ भी हो, उसकी चिन्ता नहीं, कृपया मुझे भी कुशी के पीछे दौड़ जाने दें।” योआब ने कहा, “बेटे! तुम सूचना क्यों ले जाना चाहते हो? तुम जो सूचना ले जाओगे उसका कोई पुरस्कार नहीं मिलेगा।”