योआब राजा के महल में आया। योआब ने राजा से कहा, “आज तुम अपने सभी सेवकों के मुँह को भी लज्जा से ढके हो! आज तुम्हारे सेवकों ने तुम्हारा जीवन बचाया। उन्होंने तुम्हारे पुत्रों, पुत्रियों, पत्नियों, और दासियों के जीवन को बचाया।
इस्राएली के सभी परिवार समूहों के लोग आपस में तर्क—विर्तक करने लगे। उन्होंने कहा, “राजा दाऊद ने हमें पलिश्तियों और हमारे अन्य शत्रुओं से बचाया। दाऊद अबशालोम के सामने भाग खड़ा हुआ।
ऐसा हुआ कि बिक्री का पुत्र शेबा नाम का एक बुरा आदमी था। शेबा बिन्यामीन परिवार समूह का था। उसने तुरही बजाई और कहा, “हम लोगों का कोई हिस्सा दाऊद में नहीं है। यिशै के पुत्र का कोई अंश हममें नहीं है। पूरे इस्राएली, हम लोग अपने डेरों में घर चले।”
तब उस स्त्री ने बड़ी बुद्धिमानी से नगर के सभी लोगों से बातें कीं। लोगों ने बिक्री के पुत्र शेबा का सिर काट डाला। तब लोगों ने योआब के लिये शेबा का सिर नगर की दीवार पर से फेंक दिया। इसलिये योआब ने तुरही बजाई और सेना ने नगर को छोड़ दिया। हर एक व्यक्ति अपने घर में गया, और योआब राजा के पास यरूशलेम लौटा।
उन्हें नगर के मुखियों से कहना चाहिए: ‘हमारा पुत्र हठी है और आज्ञा नहीं मानता। वह कोई काम नहीं करता जिसे हम करने के लिये कहते हैं। वह आवश्यकता से अधिक खाता और शराब पीता है।’
तब नगर के लोगों को उस पुत्र को पत्थरों से मार डालना चाहिए। ऐसा करके तुम अपने में से इस बुराई को खत्म करोगे। इस्राएल के सभी लोग इसे सुनेंगे और भयभीत होंगे।
सूरज ढले को यहोशू ने अपने लोगों से शवों को पेड़ों से उतारने को कहा। तब उन्होंने उन शवों को उस गुफा में फेंक दिया जिसमें वे छिपे थे। उन्होंने गुफा के द्वार को बड़ी शिलाओं से ढक दिया। जो आज तक वहाँ हैं।
आकान को जलाने के बाद उसके शरीर पर उन्होंने कई शिलायें रखीं। वे शिलायें आज भी वहाँ हैं। इस तरह यहोवा ने आकान पर विपत्ति ढाई। यही कारण है कि वह स्थान आकोर घाटी कहा जाता है। इसके बाद, यहोवा लोगों से अप्रसन्न नहीं रहा।
यहोशू ने ऐ के राजा को एक पेड़ पर फाँसी देकर लटका दिया। उसने उसे शाम तक पेड़ पर लटके रहने दिया। सूरज ढले यहोशू ने राजा के शव को पेड़ से उतारने की आज्ञा दी। उन्होंने उसके शरीर को नगर द्वार पर फेंक दिया और उसके शरीर को कई शिलाओं से ढक दिया। शिलाओं का वह ढेर आज तक वहाँ है।
पलिश्ती वीरता से लड़े औ उन्होंने इस्राएलियों को हरा दिया। हर एक इस्राएली योद्धा अपने डेरे में भाग गया। इस्राएल के लिये यह भयानक पराजय थी। तीस हजार इस्राएली सैनिक मारे गए।