जब कोई व्यक्ति अबशालोम के पास आता और उसके सामने प्रणाम करने को झुकता तो अबशालोम आगे बढ़ता और उस व्यक्ति से हाथ मिलाता। तब वह उस व्यक्ति का चुम्बन करता।
तब योआब राजा के पास आया और अबशालोम का कहा हुआ सुनाया। राजा ने अबशालोम को बुलाया। तब अबशालोम राजा के पास आया। अबशालोम ने राजा के सामने भूमि पर माथा टेक कर प्रणाम किया, और राजा ने अबशालोम का चुम्बन किया।
मेरे शत्रु सचमुच मीठा बोलते हैं, और सुशांति की बातें करते रहते हैं। किन्तु वास्तव में, वे युद्ध का कुचक्र रचते हैं। उनके शब्द काट करते छुरी की सी और फिसलन भरे हैं जैसे तेल होता है।