तीसरे दिन एक युवक सिकलग आया। वह व्यक्ति उस डेरे से आया जहाँ शाऊल था। उस व्यक्ति के वस्त्र फटे थे और उसके सिर पर धूलि थी। वह व्यक्ति दाऊद के पास आया। उसने दाऊद के सामने मूहँ के बल गिरकर दण्डवत् किया।
योआब ने भूमि तक अपना माथा झुकाया। उसने राजा दाऊद के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा, “आज मैं समझता हूँ कि आप मुझ पर प्रसन्न हैं। मैं यह समझता हूँ क्योंकि आपने वही किया जो मेरी माँग थी।”
अहीमास ने राजा को पुकार कर कहा। “सब कुछ बहुत अच्छा है!” अहीमास राजा के सामने प्रणाम करने झुका। उसका माथा भूमि के समीप था। अहीमास ने कहा, “अपने यहोवा परमेश्वर की स्तुति करो! मेरे स्वामी राजा, यहोवा ने उन व्यक्तियों को हरा दिया है जो आपके विरुद्ध थे।”
लड़का चल पड़ा, और दाऊद अपने उस छिपने के स्थान से बाहर आया जो पहाड़ी के दूसरी ओर था। दाऊद ने भूमि तक अपने सिर को झुकाकर योनातान के सामने प्रणाम किया। दाऊद तीन बार झुका। तब दाऊद और योनातान ने एक दूसरे का चुम्बन लिया। वे दोनों एक साथ रोये, किन्तु दाऊद योनातान से अधिक रोया।