तब योआब राजा के पास आया और अबशालोम का कहा हुआ सुनाया। राजा ने अबशालोम को बुलाया। तब अबशालोम राजा के पास आया। अबशालोम ने राजा के सामने भूमि पर माथा टेक कर प्रणाम किया, और राजा ने अबशालोम का चुम्बन किया।
तब एसाव ने याकूब को देखा, वह उस से मिलने को दौड़ पड़ा। एसाव ने याकूब को अपनी बाहों में भर लिया और छाती से लगाया। तब एसाव ने उसकी गर्दन को चूमा और दोनों आनन्द में रो पड़े।
जब कोई व्यक्ति अबशालोम के पास आता और उसके सामने प्रणाम करने को झुकता तो अबशालोम आगे बढ़ता और उस व्यक्ति से हाथ मिलाता। तब वह उस व्यक्ति का चुम्बन करता।
तब रजा सुलैमान ने कुछ व्यक्तियों को अदोनिय्याह को लाने के लिये भेजा। वे व्यक्ति अदोनिय्याह को सुलैमान के सामने ले आए। अदोनिय्याह राजा सुलैमान के सामने आया और झुककर प्रणाम किया। तब सुलैमान ने कहा, “घर जाओ।”
सो वह उठकर अपने पिता के पास चल दिया। “अभी वह पर्याप्त दूरी पर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और उसके पिता को उस पर बहुत दया आयी। सो दौड़ कर उसने उसे अपनी बाहों में समेट लिया और चूमा।